Calcium Ki Kami Ke Lakshan 2025||कैल्शियम की कमी के लक्षण

Calcium Ki Kami Ke Lakshan: जी हाँ आज हम बात करेंगे कैल्शियम की कमी के लक्षण के बारे मे। आपको बता दे की कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक बहुत जरूरी खनिज है, जो की हमारी हड्डियों, दांतों और मांसपेशियों को मजबूत बनाता है । और यह केवल हमारी हड्डियों के लिए ही नहीं बल्कि हमारे रक्तसंचार, नसों के कार्य और हार्मोन संतुलन के लिए भी बहुत आवश्यक है। और बता दे की कैल्शियम की कमी को हाइपोकैल्सीमिया भी कहा जाता है और यह कई स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म दे सकती है।

Calcium Ki Kami Ke Lakshan

Calcium Ki Kami Ke Lakshan -कैल्शियम की कमी के कारण

आपको बता दे की कई कारणों से हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी हो सकती है। जैसे की:

  1. गलत खानपान – जी हाँ अगर आपकी डाइट में कैल्शियम से भरपूर खाद्य पदार्थ नहीं हैं तो इसकी धीरे-धीरे कमी हो सकती है।
  2. विटामिन D की कमी – बता दे विटामिन D कैल्शियम के अवशोषण में भी मदद करता है। और इसकी कमी से हमारे शरीर कैल्शियम को सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता है।
  3. थायरॉइड और पैराथायरॉइड की समस्या – बता दे की पैराथायरॉइड ग्रंथि हमारे शरीर में कैल्शियम के स्तर को नियंत्रित भी करती है। और इसकी खराबी से कैल्शियम की कमी भी हो सकती है।
  4. कुछ दवाइयाँ – बता दे की स्टेरॉयड और कुछ एंटीबायोटिक्स कैल्शियम के स्तर को भी कम कर सकते हैं।
  5. मधुमेह और किडनी की समस्या – जी हाँ बता दे की यह बीमारियाँ हमारे शरीर में कैल्शियम के संतुलन को बिगाड़ भी सकती हैं।
  6. गर्भावस्था और रजोनिवृत्ति – जी हाँ इन अवस्थाओं में कैल्शियम की मांग भी बढ़ जाती है और हमारे शरीर में भी कमी हो सकती है।

Calcium Ki Kami Ke Lakshan-कैल्शियम की कमी के लक्षण

बता दे अगर हमारे शरीर में कैल्शियम की कमी हो रही है तो यह कई संकेत भी देता है। और ये लक्षण धीरे-धीरे विकसित भी होते हैं और समय पर पहचान न होने पर गंभीर समस्याएँ भी हो सकती हैं।

  1. हड्डियों से जुड़े लक्षण

हा जी हमारी हड्डियों का कमजोर होना और हमारे जोड़ों में दर्द होने लगता है तथा अकड़न होने लगती है और बार-बार हमारी हड्डियों का फ्रैक्चर होना।

  1. मांसपेशियों से जुड़े लक्षण

हमारी मांसपेशियों में कमजोरी होने लगती है तथा ऐंठन और झनझनाहट महसूस होना हमारे पैरों और हाथों में सुन्नता महसूस होना

  1. दांतों से जुड़े लक्षण

हमारे दांत जल्दी खराब होने लगते है और दांतों का कमजोर होकर जल्दी गिरने लगते है और हमारे मसूड़ों से खून आने लगता है।

  1. तंत्रिका तंत्र से जुड़े लक्षण

हमें तनाव और अवसाद और याददाश्त भी कमजोर होने लगती है और हमारे सिरदर्द और नींद की समस्या भी होती है

  1. त्वचा, बाल और नाखूनों पर असर

सबसे खराब बात तो यह की हमें रूखी और बेजान त्वचा जैसे दिखने लगते है और हमारे नाखून भी टूटने लगते है और हमारे बालों का झड़ना भी सुरु हो जाता है।

Calcium Ki Kami Ke Lakshan-कैसे करें कैल्शियम की कमी की पहचान?

बता दे अगर आपको उपरोक्त लक्षण महसूस हो रहे हैं तो आपको डॉक्टर से कुछ टेस्ट करा सकते हैं जैसे की:

  1. ब्लड टेस्ट – जी हा इससे हमारे शरीर में कैल्शियम के स्तर की जाँच होती है।
  2. हड्डियों की डेंसिटी टेस्ट – और यह जांच हमारी हड्डियों की मजबूती को मापने के लिए की जाती है।
  3. पैराथायरॉइड हार्मोन टेस्ट – और यह जांच हमारे शरीर मे कैल्शियम के संतुलन को नियंत्रित करने वाली ग्रंथि की कार्यप्रणाली को भी परखती है।

कैल्शियम की कमी को दूर करने के प्राकृतिक उपाय

यदि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी हो रही है तो बता दे की आप कुछ प्राकृतिक तरीकों से इसे पूरा भी कर सकते हैं।

  1. कैल्शियम से भरपूर आहार लें

जी हाँ हमें कैल्शियम बढ़ाने के लिए अपने आहार में निम्नलिखित चीज़ों को भी शामिल करना चाहिए जैसे की :

डेयरी उत्पाद – हमें दूध, दही, पनीर का सेवन करना चाहिए

हरी सब्जियाँ मे – हमें पालक, मेथी, बथुआ का सेवन ज़रूर करे।

सूखे मेवे – हमें जैसे की बादाम, अखरोट, तिल का अधिक सेवन करना चाहिए।

कैल्शियम की कमी से होने वाली गंभीर समस्याएँ

बता यदि आपके शरीर मे कैल्शियम की कमी को लंबे समय तक नजरअंदाज किया जाए तो यह कई बीमारियों का कारण भी बन सकती है जैसे की :

  1. ऑस्टियोपोरोसिस – जी हाँ हमारी हड्डियाँ इतनी कमजोर हो जाती हैं कि हमें हल्के झटके से भी फ्रैक्चर हो सकता है।
  2. हाई ब्लड प्रेशर – और शरीर मे कैल्शियम की कमी से हमारे रक्त वाहिकाएँ कमजोर हो सकती हैं।
  3. दिल की समस्या – हमारे हार्टबीट अनियमित भी हो सकती है।
  4. इम्यूनिटी कमजोर होना – और हमारे शरीर बीमारियों से लड़ने में असमर्थ हो जाता है।

निष्कर्ष

आपको बता दे की कैल्शियम हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, जिसकी कमी से कई तरह की समस्याएँ भी हो सकती हैं। यदि समय रहते इसके लक्षणों को पहचाना जाए और सही आहार एवं दिनचर्या अपनाई जाए, तो इस समस्या से बचा जा सकता है।

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