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एक्वायर्ड हार्ट वॉल्व डिजीज: कारण, लक्षण और उपचार
एक्वायर्ड हार्ट वॉल्व डिजीज (Acquired Heart Valve Disease) एक ऐसी समस्या है जो की हृदय के वॉल्व में होती है, बता दे की यह जन्म के समय नहीं होती है बल्कि हमारे जीवन के किसी भी समय में विकसित हो सकती है। बता दे हमारे हृदय में चार वॉल्व होती हैं 1.माइट्रल 2.एओर्टिक3.ट्राइकसपिड 4.पल्मोनरी। इन चारो वॉल्व का काम होता है हमारे रक्त प्रवाह को सही दिशा में बनाए रखना है। ओर जब इनमें से किसी वॉल्व का काम सही तरिके से नहीं करता तो यह बीमारी बन जाती है। आज हम इस समस्या के कारण तथा लक्षण और निदान, तथा उपचार के बारे मे विस्तार समझाते।

Acquired Heart Valve Disease-एक्वायर्ड हार्ट वॉल्व डिजीज के प्रकार को समझे…
1. माइट्रल वॉल्व डिजीज: बता दे इसमें वॉल्व सख्त हो सकता है या ठीक से बंद नहीं हो पाता इस कारण यह समस्या हो सकती है।
2. एओर्टिक वॉल्व डिजीज: हमारे रक्त प्रवाह में रुकावट तथा वॉल्व लीक होने की समस्या से भी हो सकता है।
3. ट्राइकसपिड और पल्मोनरी वॉल्व रोग: बता दे की यह दुर्लभ है लेकिन गंभीर समस्याएं भी है।
Acquired Heart Valve Disease-एक्वायर्ड हार्ट वॉल्व डिजीज के मुख्य कारण कुछ इस प्रकार हैं।
रूमेटिक बुखार: आपको बता दे यह हमारे बचपन में होने वाले संक्रमण भविष्य में कभी भी वॉल्व को नुकसान पहुंचा भी सकता है।
इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस: जी हाँ बैक्टीरिया या अन्य संक्रमण वॉल्व को प्रभावित करते हैं।
उम्र संबंधी बदलाव: जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, यह ओर वॉल्व कठोर तथा कमजोर हो भी सकते हैं।
अन्य बीमारियाँ: ओर बता दे की हाई ब्लड प्रेशर तथा ऑटोइम्यून रोग और कोलेस्ट्रॉल का अधिक होना भी।
Acquired Heart Valve Disease-लक्षण भी जान लीजिए।
•आपको बता दे की इस बीमारी के लक्षण धीरे-धीरे उभरते हैं और गंभीर भी हो सकते हैं।
•अगर आपको सांस लेने में कठिनाई होती तथा अगर खासकर व्यायाम के दौरान होती है तो इसका यह पहले लक्षण है।
•छाती में अगर बार-बार दर्द होता है तो भी हो सकती है.
•ज़ब हमें रोजाना थकान महसूस हो और कमजोरी भी आए तो भी लक्षण हो सकते है।
•ओर सबसे मैन बात अगर पैरों तथा टखनों और पेट में सूजन हो तो भी डॉक्टर को दिखाए।
•ओर अगर आपकी अनियमित या तेज़ धड़कन होती है।
•बता दे की अगर इसका समय पर इलाज न हो तो यह बीमारी गंभीर जटिलताओं का कारण भी बन सकती है।
•दिल की विफलता।
•स्ट्रोक का खतरा भी हो सकता है।
•रक्त प्रवाह में अवरोध भी हो सकता है।
•फेफड़ों में तरल पदार्थ का जमाव हो सकता है।
Acquired Heart Valve Disease-निदान.
इस बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर यह परीक्षण कर सकते हैं।
- शारीरिक परीक्षण: हमारे हृदय की धड़कन सुनने से भी पता लगाते है।
- इकोकार्डियोग्राफी: हमारे हृदय की संरचना और वॉल्व की स्थिति की जांच करके भी कर सकते है।
- ईसीजी: दिल की धड़कन का विश्लेषण करके।
- एक्स-रे, सीटी स्कैन और एमआरआई: हमारे वॉल्व की गहराई से जांच के लिए इस सबका उपयोग करते है।
Acquired Heart Valve Disease-उपचार
1. दवाइयाँ.बता दे दवाइयों से ब्लड थिनर्स, जो रक्त के थक्कों को रोकते हैं। और बीटा-ब्लॉकर्स, जो दिल की धड़कन को समान करते हैं।
2. सर्जरी.वॉल्व रिप्लेसमेंट: बता दे की हमारी खराब वॉल्व को कृत्रिम तथा जैविक वॉल्व से बदलते है।वॉल्व रिपेयर: क्षतिग्रस्त वॉल्व को सही तरिके सुधारते है।
3. अपने लाइफस्टाइल बदलाव करना.रोजाना हमें संतुलित आहार और व्यायाम करना ज़रूरी है तथा धूम्रपान और शराब से बचाओ करना ओर इन सबसे दूर रहना।बचाव के उपाय कुछ इस तरहा है।
बता दे की बचपन में हमें रूमेटिक बुखार का सही इलाज सही से करना चाहिए। हमें हमेशा नियमित स्वास्थ्य जांच कराते रहना चाहिए। ओर हमें रोजाना संक्रमण से बचने के लिए दांतों तथा मुंह की साफ-सफाई करनी चाहिए ओर अच्छे से ख्याल रखना चाहिए।हमें अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए कम वसा तथा नमक वाले भोजन का सेवन करना चाहिए।
विशेषज्ञ की सलाह
बता दे की अगर आपको भी सांस लेने में दिक्क़त होती है ओर लगातार थकावट महसूस देती है ओर या छाती में दर्द हो रहा है। तो आपको तुरंत एक कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क ज़रूर करे जो की दिल की बीमारियों का समय पर इलाज ही नहीं बल्कि जीवन बचा सकता है
FAQ’S
हार्ट वाल्व लीक होने पर क्या होता है?
आपको बता दे की लीक होने वाला हृदय वाल्व संभावित रूप से गंभीर होता है। ओर लीक होने वाला हृदय वाल्व हमारे हृदय पर दबाव भी डालता है क्योंकि इससे हमारे हृदय के लिए रक्त पंप करना अधिक कठिन भी हो जाता है। तथा शरीर के बाकी अंगों और ऊतकों को पर्याप्त रक्त मिल नहीं पाता है।
आपको कैसे पता चलेगा कि आपका हार्ट वाल्व खराब है?
बता दे की आपको यह ध्यान रखना बहुत ज़रूरी है कि हमारे वाल्व रोग के लक्षण यह है जैसे कि हमारे सीने में दर्द ओर धड़कन भड़ना कम होना तथा थकान महसूस होना हमें चक्कर आना, बेहोशी, हमें सांस लेने में तकलीफ होना और हमारे टखनों, तथा पैरों या पेट में सूजन दिखना ओर कई स्थितियों के संकेत भी हो सकते हैं।
हार्ट वाल्व कैसे ठीक होता है?
बता दे की हमारे वाल्वों को बदलने ओर मरम्मत करने के लिए काफ़ी उपचार उपलब्ध हैं जैसे की दवाएं तथा सर्जरी और अन्य प्रक्रियाएं। हमें स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर अपने हृदय वाल्व रोग को रोकने में मदद कर सकते हैं, जैसे कि हमें रोजाना स्वस्थ आहार लेना ओर स्वस्थ वजन बनाए रखना तथा शराब का सेवन सीमित रूप से करना, धूम्रपान छोड़ना और अच्छी नींद लेना।
आमतौर पर वाल्व की समस्या का पहला संकेत क्या होता है?
बता दे की इसे कभी-कभी “माइट्रल अपर्याप्तता” भी कहा जाता है। हमारे वाल्व के फ्लैप अलग भी हो जाते हैं और यह पूरी तरह से बंद नहीं हो पाते। इसलिए, कुछ रक्त हमारे बाएं आलिंद में पीछे की ओर लीक हो जाता है।
निष्कर्ष
बता दे की एक्वायर्ड हार्ट वॉल्व डिजीज हमारे एक गंभीर है लेकिन इलाज योग्य समस्या है। इसी लिए हमें इसे समय पर पहचानना तथा सही उपचार करना अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। ओर हमें स्वस्थ जीवनशैली अपनाकर और नियमित स्वास्थ्य जांच कराकर आप इस बीमारी से बच भी सकते हैं। अपने दिल को साफ अच्छा रखे बता दे की याद रखें, आपका दिल ही आपका जीवन है—इसका ख्याल ज़रूर रखें।