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मसूड़ों की बीमारी recommended mouthwash for gum disease बता दे ये एक आम समस्या है जो की लाखों लोगों को प्रभावित भी करती है। यह तब होती है जैसे की खराब ओरल हाइजीन तथा बैक्टीरिया का जमाव या गलत खान-पान और धूम्रपान जैसे कारण से यह समस्या बढ़ सकती हैं। हमारे मसूड़ों की बीमारियां का अगर समय पर इलाज नहीं कीया जाएं तो यह गंभीर रूप ले सकती हैं और हमारे दांतों के गिरने तक की नौबत भी आ सकती है। बता दे की इस समस्या से बचाव के लिए हमें नियमित ब्रशिंग और फ्लॉसिंग के अलावा सही माउथवॉश का उपयोग करना चाहिए।

Recommended Mouthwash For Gum Disease-मसूड़ों की बीमारी क्या है और इसके लक्षण जाने।
आपको बता दे की मसूड़ों की बीमारी एक संक्रमण है जो की मुख्य रूप से प्लाक तथा बैक्टीरिया के कारण होती है। बता दे इसे दो प्रमुख चरणों में बांटा गया है।जैसे:(1) जिंजिवाइटिस (2) पेरियोडोंटाइटिस
(1) जिंजिवाइटिस:
आपको बता दे की यह मसूड़ों की बीमारी का शुरुआती चरण होता है हमें जिसमें हल्की सूजन तथा लालिमा और मसूड़ों से खून आना। और बता दे इस चरण में सही देखभाल से इस बीमारी को बढ़ने से रोकाभी जा सकता है।
(2) पेरियोडोंटाइटिस:
अगर आपने जिंजिवाइटिस को नजर अंदाज कर दिया तो बता दे यह पेरियोडोंटाइटिस में भी बदल सकता है, जिसमें हमारे मसूड़े कमजोर होकर दांतों से अलग होने लगते हैं। और इस स्थिति में हमारे मसूड़ों से मवाद आने सुरु हो जाती है और मुंह से दुर्गंध आने लगती है तथा दांतों के ढीले होने जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं।
Recommended Mouthwash For Gum Disease-लक्षण भी जाने।
हमारे मसूड़ों का लाल होना और सूजा हुआ दिखाई देना
ज़ब ब्रश करते है तो खून आना या कुछ खाने पर खून आना
हमारे मुंह से लगातार बदबू आने लगती है।
हमारे दांतों का हिलना तथा कमजोर हो जाते है।
हमारे मसूड़ों में दर्द और संवेदनशीलता होना।
Recommended Mouthwash For Gum Disease-मसूड़ों की बीमारी के लिए माउथवॉश क्यों जरूरी है?
आपको बता दे की माउथवॉश सिर्फ हमारी सांस को ताजा रखने का काम ही नहीं करता बल्कि ये ओरल हमारी हेल्थ को सुधारने में मदद करता है। अगर सही माउथवॉश का उपयोग करा जाए तो हमारे मसूड़ों की सूजन भी कम हो सकती है और बैक्टीरिया नष्ट हो सकते हैं तथा संक्रमण को फैलने से भी रोका जा सकता है।
Recommended Mouthwash For Gum Disease-मसूड़ों की बीमारी के लिए अनुशंसित माउथवॉश:
(1) क्लोरहेक्सिडिन माउथवॉश: आपको बता दे की यह एक मेडिकल ग्रेड माउथवॉश है, जिसे डेंटिस्ट अकसर मसूड़ों की बीमारियों के इलाज के लिए सलाह देते हैं। बता दे यह जीवाणुरोधी गुणों से भरपूर भी होता है, जो हमारे मसूड़ों में बैक्टीरिया के विकास को भी रोकता है। तथा इसे हमें डॉक्टर की सलाह से ही इस्तेमाल करना चाहिए, बता दे क्योंकि ज़ब हम इसे लंबे समय तक उपयोग करते है तो दांतों पर दाग भी पड़ सकते हैं।
(2) फ्लोराइड युक्त माउथवॉश: जी हाँ फ्लोराइड हमारे दांतों तथा मसूड़ों को मजबूत भी बनाता है।यह कैविटी को रोकने तथा हमारे दांतों की सड़न को भी कम करता है।यह उन लोगों के लिए अच्छा होता है जो मसूड़ों की समस्या के साथ साथ दांतों की कमजोरी से भी जूझ रहे हैं।
(3) हर्बल माउथवॉश: आपको बता दे की इसमें प्राकृतिक तत्व भी होते हैं जैसे की नीम तथा तुलसी लौंग और एलोवेरा होते है जो की हमारे मसूड़ों की सूजन को कम करते है। और हाँ यह एल्कोहल-फ्री होता है जिससे की संवेदनशील मसूड़ों वाले लोगों के लिए यह सुरक्षित भी रहता है।
(4) एल्कोहल-फ्री माउथवॉश: आपको बता दे की कुछ माउथवॉश में एल्कोहल भी होता है, जो की हमारे मसूड़ों में जलन भी पैदा करता है।
माउथवॉश का सही तरीके से उपयोग कैसे करें?
1. बता दे हमें ब्रश और फ्लॉस करने के बाद माउथवॉश का इस्तेमाल करना चाहिए।
2. हमें लगभग 20-30 सेकंड तक कुल्ला करनी चाहिए।
3. बता दे हमें माउथवॉश को निगलना नहीं है, बल्कि हमें बाहर थूक देना है।
4. हमें माउथवॉश के बाद तुरंत पानी से कुल्ला नहीं करनी चाहिए इसलिए ताकि इसका असर बना रहे।
5. बता दे की हमें इसे दिन में 1-2 बार इस्तेमाल करना चाहिए या हमें डॉक्टर की सलाह ले लेनी चाहिए।
मसूड़ों की सेहत के लिए अन्य घरेलू उपाय भी जाने।
(1) बता दे हमें गर्म पानी में थोड़ा सा नमक मिलाकर कुल्ला करनी चाहिए ताकी सूजन और दर्द में आराम मिल सके।
(2) बता दे की हल्दी में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो की हमारे मसूड़ों की सूजन को कम करते हैं। एलोवेरा जेल भी मसूड़ों को शांत भी करता है।
(3) हमें सॉफ़्ट ब्रिसल वाले ब्रश का उपयोग करना चाहिए
तथा हल्के हाथों से ब्रश करना चाहिए ताकि मसूड़ों को नुकसान न पहुंचे।
निष्कर्ष
आपको पता चल ही गया होगा की मसूड़ों की बीमारी से बचने के लिए तथा इसे ठीक करने के लिए माउथवॉश का सही उपयोग करना बहुत जरूरी है। क्लोरहेक्सिडिन, फ्लोराइड, हर्बल और एल्कोहल-फ्री माउथवॉश के अलग-अलग फायदे हैं, जिन्हें अपनी जरूरत के अनुसार चुना जा सकता है।